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‘बांग्लादेश के पास दो चिकन नेक और दोनों ही बहुत ज्यादा…’, असम सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने दी चेतावनी

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Posted On:Monday, May 26, 2025

हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर भारत को हिला दिया। इस हमले ने सिर्फ सुरक्षा एजेंसियों को ही नहीं, बल्कि पूरे देश को झकझोर दिया है। इस आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकियों का हाथ सामने आया है, जिसके बाद भारत ने एक बार फिर आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान की पोल खोलने की रणनीति तेज कर दी है।

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर हाल ही में जर्मनी, डेनमार्क और नीदरलैंड के दौरे पर गए, जहां उन्होंने यूरोपीय नेताओं और सांसदों से मुलाकात कर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खतरे से अवगत कराया। इसी कड़ी में भारत ने अपने बहुदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल को दुनिया के अलग-अलग देशों में भेजा है, ताकि आतंकवाद पर भारत का स्पष्ट और कठोर रुख सबके सामने रखा जा सके।


ओवैसी का सीधा हमला: “पाकिस्तान हमलावर है, पीड़ित नहीं”

इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा रहे AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बहरीन में एक अहम बैठक में पाकिस्तान को बेनकाब करते हुए तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान पीड़ित नहीं है, बल्कि वह वर्षों से एक हमलावर की भूमिका में रहा है। उसने सीमापार आतंकवाद को बढ़ावा दिया है, आतंकवादियों को शरण दी है और भारत को अस्थिर करने की लगातार कोशिश की है।”

ओवैसी ने साफ शब्दों में कहा कि पाकिस्तान लंबे समय से आतंकवाद को पाल रहा है और उसका झूठा नैरेटिव अब दुनिया के सामने आ चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान की दोहरी नीति और आतंक के प्रति उसका नरम रुख अब बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।


वैश्विक मंचों पर भारत की कोशिश

बहरीन में हुई बैठक के दौरान भारत के बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल ने वहां के अधिकारियों से मुलाकात कर पाकिस्तान की भूमिका और आतंकवाद के खतरों पर अपनी बात रखी। ओवैसी ने बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में बताया:

“हमने बहरीन की सरकार से कहा कि भारत को अस्थिर करने की कोशिशें सिर्फ भारत के लिए नहीं, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया क्षेत्र के लिए खतरनाक हैं। हम चाहते हैं कि बहरीन जैसे शांतिप्रिय देश भी इस पर कड़ा रुख अपनाएं।”

ओवैसी ने यह भी कहा कि भारत के विभिन्न राज्यों से लाखों लोग खाड़ी देशों में काम करते हैं और उनका वहां की तरक्की में अहम योगदान है। ऐसे में आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान की भूमिका सिर्फ भारत ही नहीं, इन देशों की सुरक्षा के लिए भी खतरा है।


भारत ने रखे सबूत और आंकड़े

प्रतिनिधिमंडल ने अपने तर्कों को सिर्फ राजनीतिक भाषण तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में हुए प्रमुख आतंकी हमलों के आंकड़े और पाकिस्तान का सीधा संबंध रखने वाले सबूत भी पेश किए। इसमें शामिल थे:

  • मुंबई 26/11 हमला

  • समझौता एक्सप्रेस धमाका

  • पठानकोट एयरबेस हमला

  • पुलवामा आतंकी हमला

  • जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर आत्मघाती हमला

ओवैसी ने कहा, “हमने उन्हें बताया कि इन सभी हमलों के पीछे पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठनों की भूमिका रही है। इसके बावजूद पाकिस्तान खुद को पीड़ित बताता है, जो पूरी तरह से झूठ है।”


प्रतिनिधिमंडल में कौन-कौन?

बहरीन पहुंचे इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भाजपा सांसद बैजयंत जय पांडा कर रहे हैं। इसमें विभिन्न पार्टियों के प्रतिनिधि शामिल हैं, जो यह दिखाता है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति केवल किसी एक दल की नहीं, बल्कि पूरे देश की सामूहिक सोच है। प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रमुख नेता हैं:

  • निशिकांत दुबे (भाजपा सांसद)

  • फंगनन कोन्याक (भाजपा सांसद)

  • रेखा शर्मा (भाजपा सांसद)

  • सतनाम सिंह संधू (भाजपा सांसद)

  • गुलाम नबी आजाद (पूर्व मुख्यमंत्री, जम्मू-कश्मीर)

  • असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM प्रमुख)


निष्कर्ष:

भारत ने एक बार फिर दुनिया को यह दिखाया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ सिर्फ निंदा करके नहीं बैठेगा, बल्कि हर मंच पर जाकर, हर सरकार से बात कर, हर संगठन को सच बताएगा। असदुद्दीन ओवैसी जैसे विपक्षी नेता का भी स्पष्ट और मजबूत बयान यह संकेत देता है कि आतंकवाद के मुद्दे पर भारत एकजुट है।


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